मेरा वो छोटा सा घर

मेरा वो छोटा सा घर















मेरा वो छोटा सा घर,
दो कमरों का नन्हा सा घर,
कहने को तो छोटा था मेरा घर,
लेकिन हम सब और बहुतेरे सारे,
हँसते, गाते; समा जाते थे उसकी आगोश में.
आज जब मेरे बंगले में एक मेरी अभिलाषा,
समाविष्ट नहीं हो पाती है,
तब याद आता है मुझे मेरा वो छोटा सा घर.




मेरा वो छोटा सा घर,
जब पंखे की हवा मन को शांत कर देती थी,
सुराही का सौंधा पानी शीतलता का उदहारण हुआ करता था.
आज जब मेरे बंगले में फ्रिज और .सी.,
गर्मी को काटने का नाटक करते दिखते हैं,
तब याद आता है मुझे मेरा वो छोटा सा घर.
 
 
 
 
मेरा वो छोटा सा घर,
रंसोई में पकते माँ के हाँथ के खाने की खुशबू,
सुगन्धित करती पूरे घर को, पड़ोस को.
आज जब मेरे बंगले में इत्र की बहुतायत है,
ह्रदय को स्पर्श कर जाए,
ऐसी क्षमता किसी एक खुशबू में भी नहीं है,
तब याद आता है मुझे मेरा वो छोटा सा घर.





मेरा वो छोटा सा घर ,
बिजली गुल होने पर हम तारे गिना करते थे,
हँसते, कहकहे लगाते, गाने गाया करते थे.
आज भी बिजली कटती है,
और जब समय बीतता है समय को कोसने में,
तब याद आता है मुझे मेरा वो छोटा सा घर.
मेरा वो छोटा सा घर,




मेरा वो छोटा सा घर,
दो कमरों का नन्हा सा घर.

Comments

  1. छोटा सा घर हो , निश्छल सा मन हो तो सारी दुनिया पास होती है ... पर महत्वाकांक्षाओं के आलिशान बंगले , और मानसिक संकुचन में कुछ भी पास नहीं होता

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  2. अति उत्तम विनम्र। कभी समय मिले तो मेरा ब्लॉग देख लेना। मैं भी हिंदी में ही लिखता हूँ। ब्लॉग का नाम है धाकड़वाणी और यू आर एल है www.dhaakar.blogspot.com

    - हेमन्त कुमार
    संप्रति मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, पूर्व रेलवे

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  3. मेरा वो छोटा सा घर,
    दो कमरों का नन्हा सा घर.

    मानसिक शान्ति मिलती है छोटे से घर में,,,,,

    RECENT POST....: न जाने क्यों,

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  4. उस छोटे से घर में ही बड़े सपने पले..

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  5. very nice Vinamra...my favourite lines...hriday ko sparsh kar jaayey, aisee kshamtaa kisi ek khushboo mein naheen.. and aaj merey bangley mein ek meri abhilasha, smavishta nahin ho paatee hai...very touching...Keep expressing...

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  6. पहले मन में प्यार बसा होता था ॥घर छोटा होने पर भी सुख था ... आज इसकी नितांत कमी लगती है ... सुंदर भाव

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  7. पहले घर छोटे थे, मन विस्तृत,
    अब घर बड़े हैं...मन परिधिबद्ध .
    सुन्दर रचना .

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  8. बहुत सुन्दर भाव हैं विनम्र...
    हम सब को याद आता है पुराना छोटा घर....
    जहाँ सुविधाएँ कम और प्यार ज्यादा हुआ करता था....

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  9. घर छोटा होने पर भी सुख मिलता है
    नई पोस्ट .....मैं लिखता हूँ पर आपका स्वगत है

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